‘मराठवाडा शिक्षण प्रसारक मंडल’, औरंगाबाद द्वारा संचालित बलभीम कला, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय, बीड की स्थापना 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य सरकार मा. यशवंतराव जी चव्हाण के करकमलों द्वारा हुई। स्थापना काल से आज तक हिंदी विभाग ने महाविद्यालय के विकास में अपना बहुमोल योगदान दिया है।

हिंदी विभाग को समृध्द कराने में जिन प्रमुख हस्तियों का योगदान रहा है उनमें डॉ. जगदीश शर्मा (1960-1972) डॉ. धनराज मानधाने (1972-1998) डॉ. हणमंतराव पाटील (1998-2008 ) डॉ. राजेंद्र चौहान (2008-2011), डॉ. अमोल पालकर (2011-2012) इन विभाग अध्यक्षों के साथ तत्कालीन अनेक प्राध्यापकों की भी अहम् भूमिका रही है।

विभाग के अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब कोकाटे तथा डॉ. राजेंद्रसिंह चौहान, डॉ. ललिता राठोड, डॉ. अमोल पालकर, डॉ. मारोती यमुलवाड प्राध्यापक के रूप में विभाग की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

विभाग में चार प्रोफेसर, पांच शोधनिर्देशक तथा 57 शोधछात्र  पीएच्.डी. प्राप्त कर चुके हैं और विभाग के अंर्तगत 23 शोधछात्र  शोधकार्य कर रहे हैं तथा दो शोधछात्र Post Doctorate भी कर रहे हैं।

Establishment of the dept:

जून, 1960 (स्नातक स्तर)

जून, 1971 (स्नातकोत्तर स्तर)

हिंदी भाषा एवं साहित्य अनुसंधान केंद्र की मान्यता: 1972